पूर्व एडिशनल एसपी राजेश तिवारी एवं जबलपुर एसपी से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के प्रकरण में राजेश तिवारी के आरोपों पर जवाब देने को कहा है कोर्ट ने

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जबलपुर/

पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का गंभीर आरोप है, जिसके तहत उनके और उनके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है। इस मामले में विशेष न्यायाधीश (पी.सी. एक्ट) जबलपुर, अमजद अली ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और भारतीय न्याय संहिता 2023 के विधिक प्रावधानों के तहत राजेश तिवारी के खिलाफ दायर परिवाद पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मुद्दे पर पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं और तिवारी को अपना पक्ष रखने का अवसर भी दिया है।

इस मामले में अधिवक्ता धीरज कुकरेजा और अधिवक्ता स्वप्निल सराफ ने तिवारी और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 12, 15, 13(1)(बी), 13(2), और भारतीय दंड संहिता की धारा 109 के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के अनुसार, किसी भी लोक सेवक के खिलाफ अभियोजन मंजूरी के बिना अदालत संज्ञान नहीं ले सकती है।

कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी लोक सेवक के खिलाफ कार्रवाई से पहले सक्षम प्राधिकारी से अभियोजन मंजूरी अनिवार्य है। अभियोजन मंजूरी तब तक नहीं मिल सकती जब तक कि परिवादी सक्षम न्यायालय में परिवाद दायर नहीं करता। इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223(2) के अनुसार, किसी लोक सेवक के खिलाफ तब तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती जब तक उसे अपना पक्ष रखने का अवसर न दिया जाए और उसके वरिष्ठ अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट प्राप्त न हो।

विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वे राजेश तिवारी के खिलाफ आरोपों पर आधारित रिपोर्ट अदालत में पेश करें। इसके साथ ही तिवारी को भी अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया गया है। अब तिवारी को अपना पक्ष पुलिस अधीक्षक के समक्ष रखना होगा, जो उसे अगली सुनवाई से पहले कोर्ट में पेश करेंगे।

इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर 2024 को निर्धारित की गई है, जिसके दौरान यह देखा जाएगा कि राजेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई होगी या नहीं। अपने सेवाकाल के दौरान विजय यादव के एनकाउंटर से लेकर अन्य विवादों में शामिल रहने वाले तिवारी के खिलाफ यह मामला एक गंभीर मोड़ ले सकता है।

Shourya Bharat Live
Author: Shourya Bharat Live

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